5 नवंबर 2011

हंस /जून 1996 में प्रकाशित दो कविताएँ

एक
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एक बेलगाम 
बिगड़ैल घुड़सवार का 
रास्ता रोककर 
ईश्वर ने दो चीजें दीं


घोड़े को लगाम 
घुड़सवार को बेटी 


दो 
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अच्छा आदमी था 
अच्छा युग था 
अच्छा ईश्वर था 

1 टिप्पणी:

vidya ने कहा…

बहुत खूब.....
काबिले तारीफ.